हर कालनेमी कोे यही पैगाम हमारा
हर कालनेमी कोे यही पैगाम हमारा
कभी पूरा नहीं होगा सपना तुम्हारा।
मुंह में राम पर पीठ पर छूरी चलाये
भोली सूरत बना करजग मूर्ख बनाये।
झूठ पर झूठ बोले ये हैं षडयंत्रकारी
देखों साथियों से भी ये करे गद्दारी ।
इसको देख कर शुतुमुर्ग भी सरमाये
घडियाली आंसू से ये सबको भरमाये।।
भ्रष्टाचार मिटाकर राम राज लायेंगे
सब्जबाग दिखाकर ये कुर्सी कब्जाये।।
कुर्सी मिलते ही ये ऐसा राग अलापे
जनसेवक बन जम कर मौज उडाये।।
(14 मार्च 2015 प्रात 8.48 बजे)
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