पर तुम क्यों स्येयां अभी तक उत्तराखण्डी?
जागी गयो बदरीनाथ, जागी गे मेरो केदार
जागी गयो नरसिंह देव, जागी गे बागनाथ।
तुम क्यों स्येंयां अभी तक वीर उत्तराखण्डी ?
माता नैना जागी गेयी, जागी माॅं नंदा देवी
जागी गैना काल भैरव, जागी गे सुरकंडा।
पर तुम क्यों स्येयां अभी तक वीर उत्तराखण्डी?
जागी सभी देवी देवता, जागी पाडंव ग्वेल
जागी गैनी देवभूमि बीजी गैन डांडी कांठी।
पर तुम क्यों स्येयां अभी तक उत्तराखण्डी?
जागी गेना मनखी जीव जागी सूर्य चंद्र।
गंगा यमुना वीजी गैयी, बीजी गे पोथुला।
पर तुम क्यों स्येयां अभी तक वीर उत्तराखण्डी?
क्वें नेता नौकरशाह यख चंगैज बणी गेना।
क्वे पंच पधान, स्वयंसेवी बणी बजट डकारी
सरकार में बेठी करी ये बणियां च गलदार
स्कूल अस्पताल बांज यख, बेची गाड गदेरा
आपदा को बजट खाई डकारी देवी देवता।।
जन्मभूमि की रक्षा वास्ता उठो उत्तराखण्डी
सर्वभक्षी कालनेमियों का दंश से येतें बचो
जातिवादी क्षेत्रवादी भ्रष्टाचारी यूं कालनेमी
बचो प्यारी जन्म भूमि बचो पुरखों की धरती।।
शराब को गटर बणे के योन मचाईं तबाही।
बांध बाघ से यों ल उजाडी मेरी देवभूमि।।
धरती माता बेची कर सरकार बणी गलदार
राजधानी गैरसैंण छोडी यूं देहरादून बसियां।।
पर तुम क्यों स्येयां अभी तक वीर उत्तराखण्डी?
जागी जाओ मेरा वीरों अपनी जन्मभूमि बचावा।
स्योंण को यू समय नी च कुम्भकरण न बणों।
अपनी जन्मभूमि तें अब यन गलदारों से बचो।।
-देवसिंह रावत
(15 मार्च 2015, प्रातः 9.57 )