ऐसी दिव्य कृपा श्रीकृष्ण की
न कर वफा की उमीद इस बेबश जमाने से
ये बेचारे तो खुद सांस भी न ले सकते है।
मुर्दे हैं ये खुद अपनी अंधी वासनाओं के
ये खाक वफा निभा सकेंगे जग में कभी
चाहत है जीवन में बसंत की मेरे साथी
सबसे मिल जुल कर हंसना सीख लो।
बरसेगी ऐसी दिव्य कृपा श्रीकृष्ण की
पतझड में भी बहेगी बसंत की बहार
-देवसिंह रावत (9 फरवरी प्रातः 9.15 बजे)
न कर वफा की उमीद इस बेबश जमाने से
ये बेचारे तो खुद सांस भी न ले सकते है।
मुर्दे हैं ये खुद अपनी अंधी वासनाओं के
ये खाक वफा निभा सकेंगे जग में कभी
चाहत है जीवन में बसंत की मेरे साथी
सबसे मिल जुल कर हंसना सीख लो।
बरसेगी ऐसी दिव्य कृपा श्रीकृष्ण की
पतझड में भी बहेगी बसंत की बहार
-देवसिंह रावत (9 फरवरी प्रातः 9.15 बजे)
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